Rajinikanth hospitalised in Chennai: सुपरस्टार रजनीकांत को चेन्नई के एक अस्पताल में एक निर्धारित मेडिकल प्रक्रिया के लिए भर्ती कराया गया है। अच्छी खबर ये है कि उनकी तबीयत बिल्कुल स्थिर है और डॉक्टर उनकी सेहत पर लगातार नजर रख रहे हैं। यह एक प्लान की गई प्रक्रिया है, इसलिए फैंस को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि रजनीकांत जल्दी ही ठीक होकर घर लौटेंगे। उनके चाहने वाले और फैंस उनकी जल्दी सेहतमंदी की दुआ कर रहे हैं। चलिए जानते है कैसा है उनका आजतक का सफर।Rajinikanth hospitalised in Chennai
रजनीकांत, भारतीय सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं। उनका असली नाम ”शिवाजी राव गायकवाड़” है, और उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बैंगलोर, कर्नाटक में हुआ था। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले रजनीकांत ने तमिल सिनेमा में अपनी अद्भुत अभिनय शैली और मेहनत के दम पर बुलंदियों को छुआ।
प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
रजनीकांत का बचपन संघर्षों से भरा था। उनके पिता ”रामोजी राव गायकवाड़” एक पुलिस कांस्टेबल थे और मां ”जीजाबाई” एक गृहिणी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण, रजनीकांत को कम उम्र में कई छोटे-मोटे काम करने पड़े, जिनमें उन्होंने बस कंडक्टर की नौकरी भी की। कंडक्टर के रूप में भी उनकी स्टाइलिश अंदाज ने लोगों का ध्यान खींचा, जो बाद में उनके अभिनय करियर की पहचान बन गया।
फिल्मी करियर की शुरुआत
रजनीकांत की फिल्मी यात्रा की शुरुआत 1975 में निर्देशक ”के. बालाचंदर” की तमिल फिल्म “अपूर्व रागंगल” से हुई, जिसमें उन्होंने एक सहायक भूमिका निभाई। बालाचंदर ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें अभिनय की बारीकियां सिखाईं। यही वो मौका था जब रजनीकांत ने फिल्मी दुनिया में अपनी जगह बनानी शुरू की।
सफलता की ओर कदम
1978 में रिलीज़ हुई फिल्म ”भैरवी” रजनीकांत के करियर का पहला बड़ा मोड़ साबित हुई। इसके बाद उनकी सफलता का सिलसिला शुरू हो गया और 1980 के दशक तक वे तमिल सिनेमा के शीर्ष सितारों में गिने जाने लगे। उनकी फिल्मों जैसे “मुरत्तु कलाई”, “पोक्किरी राजा”, “थलापति”, और “बाशा” ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति दिलाई।
उनकी अभिनय शैली बेहद अनोखी थी। उनके डायलॉग्स बोलने का अंदाज, चश्मा पहनने और सिगरेट जलाने की स्टाइल ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया।
हिंदी सिनेमा में योगदान
रजनीकांत ने दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के बाद हिंदी सिनेमा में भी कदम रखा। उन्होंने अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया। “अंधा कानून”, “गिरफ्तार”, और “हम” जैसी फिल्मों में उनकी उपस्थिति ने हिंदी सिनेमा में भी उनके प्रति दर्शकों का प्यार बढ़ाया।
निजी जीवन
रजनीकांत ने 1981 में ”लता रंगाचारी” से विवाह किया। उनके दो बेटियां हैं ”ऐश्वर्या” और ”सौंदर्या”। ऐश्वर्या की शादी अभिनेता ”धनुष” से हुई है, जबकि सौंदर्या फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
पुरस्कार और सम्मान
रजनीकांत को उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें 2000 में ”पद्म भूषण” और 2016 में ”पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया। 2021 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान ”दादा साहेब फाल्के पुरस्कार” से नवाजा गया, जो उनके सिनेमा में अतुलनीय योगदान को दर्शाता है।
समाजसेवा और राजनीतिक यात्रा
रजनीकांत फिल्मों से इतर समाजसेवा में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु में कई सामाजिक अभियानों में भाग लिया। 1996 में राज्य चुनाव के दौरान उनकी भूमिका निर्णायक मानी गई। 2017 में उन्होंने राजनीति में आने की घोषणा की, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभा सके।
रजनीकांत की विरासत
रजनीकांत का प्रभाव सिर्फ भारतीय सिनेमा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी लोकप्रियता विश्व स्तर पर फैली हुई है, खासकर जापान में उनके कई प्रशंसक हैं। उनका जीवन संघर्ष, कड़ी मेहनत, और सफलता का प्रतीक है, जो हर किसी को प्रेरित करता है।
रजनीकांत की कहानी एक मिसाल है कि कैसे एक आम इंसान भी अपने जुनून और कड़ी मेहनत से असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। उनका नाम भारतीय सिनेमा के सुनहरे इतिहास में सदैव दर्ज रहेगा।
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